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पहाड़ी गीत
तेरे ख्याले नी रात कटदी
दिलडु कियाँ पतियाणा हो
प्रेगड़े ही बांग दिंदी मा मेरी अडेया
उठ खड़ी खेतरा जो जाणा हो
तेरे ख्याले नी रात कटदी
दिलडु कियाँ पतियाणा हो
छोकरू ग्राएं रे, मेरे दाएं बाएं रे
लाई दिंदे घरे जाई, भेदी मेरी मायें रे
कौलजा जे तेरी नेड़ जाणा हो
तेरे ख्याले नी रात कटदी
दिलडु कियाँ पतियाणा हो
मिलणा जे रस्ते, या होटला दुकाना
हुँदा जुआनी रा बैरी जमाना
कियां बैहणा दो गप्पा लाणा हो
तेरे ख्याले नी रात कटदी
दिलडु कियाँ पतियाणा हो
कितणी मै सुनणी, कियां करी झलणी
फोना पर दस लम्मी गल कियां करणी
घोड़ी पर आई जा ब्याहणा हो
तेरे ख्याले नी रात कटदी
दिलडु कियाँ पतियाणा हो
© GULSHANPALCHAMBA
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