परिवार ( माता–पिता )
प्यार के बिना रिश्ते आमतौर पर काल्पनिक हो जाते है,
वो माता पिता होते है जो एक महत्वपर्ण भूमिका निभाते है।
जैसे जैसे बड़े होते है बंधन में रहना सीखते है,
भाई बहन के लड़ने को अक्सर वो प्यार बताते है।
जब कोई बाहरी व्यक्ति आता है तो विशिष्ट व्यव्हार कराते हैं,
अपने बच्चो को वे हर रिश्ते का आधार बताते है।
लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते की वो आधार बनाते हैं,
जहां दादी–दादा मिलकर अपने पोतो पर प्यार बरसते हैं ।
वो माता पिता होते है जो एक महत्वपर्ण भूमिका निभाते है।
जैसे जैसे बड़े होते है बंधन में रहना सीखते है,
भाई बहन के लड़ने को अक्सर वो प्यार बताते है।
जब कोई बाहरी व्यक्ति आता है तो विशिष्ट व्यव्हार कराते हैं,
अपने बच्चो को वे हर रिश्ते का आधार बताते है।
लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते की वो आधार बनाते हैं,
जहां दादी–दादा मिलकर अपने पोतो पर प्यार बरसते हैं ।