जीवन एक डोर
पतंग की डोर-सी ये जिंदगी
ना जाने कब हमे कहां ले जाती है
कभी मजबूती से आकाश में उड़ती हुई
हिम्मत और खुशी देती है।
तो कभी हवा के बहाव में इस कदर बहती है,
कि डोर को अपने संग लिए जाती है
कभी तो इतनी तेज़ उड़ती है, कि बस अभी पतंग कहीं दूर चली जाएगी और रह जाएगी तो सिर्फ वो टूटी हुई डोर जो शायद फिर नई कहानी लिखेगी
और साथ निभाएगी किसी नई पतंग का
फिर वही जीवन की मुश्किलें
और...
ना जाने कब हमे कहां ले जाती है
कभी मजबूती से आकाश में उड़ती हुई
हिम्मत और खुशी देती है।
तो कभी हवा के बहाव में इस कदर बहती है,
कि डोर को अपने संग लिए जाती है
कभी तो इतनी तेज़ उड़ती है, कि बस अभी पतंग कहीं दूर चली जाएगी और रह जाएगी तो सिर्फ वो टूटी हुई डोर जो शायद फिर नई कहानी लिखेगी
और साथ निभाएगी किसी नई पतंग का
फिर वही जीवन की मुश्किलें
और...