तेरे बगैर…❤️
यार तेरे बगैर अभी तक मेरा दिल नहीं लगता!
मगर तू मुझे मेरी ज़िंदगी में शामिल नहीं लगता !!
लम्हा लम्हा गुजारा है तुझे याद करते हुए मैंने ! तेरे बावजूद मैं तेरी चाहत के काबिल नहीं लगती!!
हजारों मिन्नतें की, मंदिरों ओ' मजारों में जाकर !
किसी भी तरह से मुझे तू अब...
मगर तू मुझे मेरी ज़िंदगी में शामिल नहीं लगता !!
लम्हा लम्हा गुजारा है तुझे याद करते हुए मैंने ! तेरे बावजूद मैं तेरी चाहत के काबिल नहीं लगती!!
हजारों मिन्नतें की, मंदिरों ओ' मजारों में जाकर !
किसी भी तरह से मुझे तू अब...