हर कदम अलग ज़िन्दगी...
आंखों में
अपनापन,
जुबां पर
फुर्ती लिए
ये शहर,
आ दौड़ता है
तुम्हें अंदर तक
गले से लगाने को
असीम ऊर्जा है
गज़ब विश्वास भी
इस शहर को
महादेव की छत्रछाया,
नसीब है
माँ गंगा की
मिठास भी..
जन्म से मोक्ष...
अपनापन,
जुबां पर
फुर्ती लिए
ये शहर,
आ दौड़ता है
तुम्हें अंदर तक
गले से लगाने को
असीम ऊर्जा है
गज़ब विश्वास भी
इस शहर को
महादेव की छत्रछाया,
नसीब है
माँ गंगा की
मिठास भी..
जन्म से मोक्ष...