...

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कविता


कसक से ज्यादा
मेरे नज़दीक आइये
मुझे बेहद करीब से
आजमाइये
बंद कली नहीं हूँ
खिलता फूल हूँ
रसीला भँवरा बन कर
थोड़ा गुनगुनाइए
भाव कहाँ पल पाते...