...

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उम्र का पड़ाव
ना जाने कितना भारी होगा,
ये उम्र का पड़ाव,
क्योंकि उसका बोज उठाने साथ कोई नहीं होता।

अगर साथी बचा हो सफ़र मै,
तो सफ़र थोड़ा कट सा जाता है,
वरना यहां अपनापन जताने कोन आता है?

सुना है उम्र का ये पड़ाव,
हमें हमारी सारी गलतियां याद दिलाता है,
और दुजी ओर कर्मफल भी सुरु हो जाता है!

जब जवानी जोश में होती है,
तब होश किसे रहता है?
ये तो तभी समज मै आता है,
जब हमें सब अकेले भुगतना पड़ता है!

जब हम ज़िंदगी की दौड़ में,
अपने मा-बाप को पीछे छोड़ते है,
तब वो सही है होता है,
पर व्ही जब हमारे अपने बच्चे दहोराए,
तब वो क्यों दिल को क्यों चोट देता है?

उम्र का पड़ाव आज तेरा,
कल उनका,
परसो उनके बाद का,
सबको ही जेलना पड़ता है!

तू होना उदास,ना रख तू मन मै कोई भी कड़वास,
बस हस्ते- हस्ते काट दे रास्ते,
क्योंकि उपर भी कोई बैठा है,
जो लिख दे तेरी जोली मै अभी भी थोड़ी सी मिठास।।


@_velukiklam