...

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चल उठ, पंजा मार !
तेरी जिंदगी ना तो बर्बाद है,
ना तू है बेकार,
तू एक अनवरत, उन्मुक्त ऊर्जा है,
तुझको है किसकी दरकार?

पहचान खुद को, तू एक शेर है...
चल उठ, पंजा मार।
और बदल दे इस इंसानी जंगल का,
आकार और प्रकार।

कर सामना सब का,
चाहे मिलें दोस्त, ढोंगी या मक्कार,
अपनी जिंदगी का...