इश्क
मैं तो रोया हूं यहाँ पर तुम भी कही रोई होगी
मैं कब्र में सोया तुम कही और सोई होगी
बेजान जिस्म वाले मेरे साथी कई बने है नए यहाँ
उनसे ही मै अपने गम बाट लिए करता हूं शायद तुम भी किसी से बाटा करती होंगी
मेरी हर रात काली और बेज़ान सी होती है
पर तुम्हारी रात तो सुनहरी होती होंगी
© _Ankaj Rajbhar 🥺
मैं कब्र में सोया तुम कही और सोई होगी
बेजान जिस्म वाले मेरे साथी कई बने है नए यहाँ
उनसे ही मै अपने गम बाट लिए करता हूं शायद तुम भी किसी से बाटा करती होंगी
मेरी हर रात काली और बेज़ान सी होती है
पर तुम्हारी रात तो सुनहरी होती होंगी
© _Ankaj Rajbhar 🥺