अगर हिंदी में होता।
#YearEndEchoes
किसी पुरस्कार की चाह नहीं
बस अपने मन कि लिखना है
इस वर्ष वर्षांत कैसा रहा
मेरे मन की, रचना का
खट्टी मीठी यादों सी
जीवन की परछाई लिए
कितनी दुविधा दुख, दर्द, क्लेश
प्रेम -प्रणय ,सच्चाई लिए
मोती मानिक सा शब्द, चुन चुन
हृदय की बातें धरना है
इस वर्ष वर्षांत कैसा...
किसी पुरस्कार की चाह नहीं
बस अपने मन कि लिखना है
इस वर्ष वर्षांत कैसा रहा
मेरे मन की, रचना का
खट्टी मीठी यादों सी
जीवन की परछाई लिए
कितनी दुविधा दुख, दर्द, क्लेश
प्रेम -प्रणय ,सच्चाई लिए
मोती मानिक सा शब्द, चुन चुन
हृदय की बातें धरना है
इस वर्ष वर्षांत कैसा...