इबादत...
रहमत हो तेरी गर, साथ तेरा,
मेरे ख़्वाबों में कामिल हो जाए,
दूर से ही सही,पर इस दिल को,
तुझे देखने का रुतबा हाँसिल हो जाए,
बेपनाह इश्क़ है,तेरी महफूज़ ...
मेरे ख़्वाबों में कामिल हो जाए,
दूर से ही सही,पर इस दिल को,
तुझे देखने का रुतबा हाँसिल हो जाए,
बेपनाह इश्क़ है,तेरी महफूज़ ...