...

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मोहब्बत
गुज़र क्यों नहीं जाते तुम लम्हा बनकर
सुलगते रहते हो मुझ में शमा बनकर

दिल-ओ-जान को कैसे संभाल के रखूँ
तुम रहते हो मुझ में जब नशा बनकर

मेरे ख़्वाब-ओ-ख़्याल भी गाने लगते हैं
नस नस में बहते हो तुम सदा बनकर

बताओ...