मै आरव हूँ by अभिलेख
मैं आरव हूं,
जब कोई रास्ते में भूखा दिखता है,
तो मैं उसकी वेदना को महसूस करता हूं,
जब कोई नन्हा बच्चा होटलों में बर्तन धूलता हुआ दिखता है,
तो मैं महसूस करता हूं
शिक्षा के प्रति उसकी लालसा को,
ऐसे ही अनगिनत लाचारी को गरीब बस्तियों में,
मैं महसूस करता हूं
मैं आरव हूं,
मैंने बहुत से लोगों की मदद की है
मैं आरव हूं, मेरे हाथ अनेक है
जो भी समाज को मुसीबतों मे, सहारा देता है,...
जब कोई रास्ते में भूखा दिखता है,
तो मैं उसकी वेदना को महसूस करता हूं,
जब कोई नन्हा बच्चा होटलों में बर्तन धूलता हुआ दिखता है,
तो मैं महसूस करता हूं
शिक्षा के प्रति उसकी लालसा को,
ऐसे ही अनगिनत लाचारी को गरीब बस्तियों में,
मैं महसूस करता हूं
मैं आरव हूं,
मैंने बहुत से लोगों की मदद की है
मैं आरव हूं, मेरे हाथ अनेक है
जो भी समाज को मुसीबतों मे, सहारा देता है,...