आंसू
आंसू की बात करती है दुनिया,
कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं,
अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।
टोहते है वो खुद को,
वो देखे मन में रोते खुद को,
अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।
टोहते हैं वो खुद को,
वो देखे मन में रोते खुद को,
आंसू है या पानी पता भी नहीं चलता किसी को,
आंसू आए जब भी उनको,
वो आंसू को पानी बोल देते हैं।
खुद को अकेले में टोहते हैं,
मिले ना कोई अपना उनको,
मतलबी दुनिया में,
मतलबी रिश्ते ही मिले उनको।
आंसू खुशी के आंसू,
आंसू गम के आंसू,
आंसू का ना पता चले, है खुशी या गम के आंसू
देखो गले मिलके पता चलेगा दुख अगर हुए तुम उनके।
मतलबी दुनिया में आंसू ना कोई पूछे,
गले भी लगे तो मतलब ही अपना देखे,
आंसू सूखने लगे हैं अब,
अब आंसू नहीं निकालते,
अपना कोई मिले तो सायद आंसू देखे गिरते।
आंसू हुए सच की भाषा,
जिस को आंसू न आए वो झूठा कहलाए।
आंसू आधार है सोच में,
कोई निकाल फेंके कोई निकाल न पाए।
आंसू बुरी यादों से जो आए,
वो कौन निकाल पाए।
आंसू बसे है हर खुशी में,
आंसू बसे है हर गम में,
आंसू बसे है हर पल में,
आंसू गम के कुछ जो निकाल नहीं पाते,
वो किसी जान से प्यारे के गले लगना है चाहते,
जो लगे अपना धोखा दे जाता है,
मतलबी दुनिया में मतलबी बन जाता है।
आंसू जो रुके है सीने में,
वो दर्द करते हैं सीने में,
वो दिखे ना सबको,
वो तो बस हैं सिने में।
आंसू की वजह कभी कुछ लम्हे होते हैं,
लम्हे कुछ बुरे कुछ अच्छे होते हैं।
लम्हे बुरे हो तो रो भी नहीं पाते हैं।
लम्हे के बनते हैं यादों से,
यादों के लम्हे होते हैं हजारो।
लम्हे
Thank you ❤️
© Devansh Baliyan