चुभते लहज़े
उनके चुभते लहज़े और मेरे हिस्से रूसवाई आई
दुनिया की भीड़ में तन्हा हूं..... ऐसी तन्हाई आई
ना बांध सकता है....ना चाहकर मुक्त हो सकता है
फिर भी दिलों का बंधन ऐसी रिश्ते में गहराई...
दुनिया की भीड़ में तन्हा हूं..... ऐसी तन्हाई आई
ना बांध सकता है....ना चाहकर मुक्त हो सकता है
फिर भी दिलों का बंधन ऐसी रिश्ते में गहराई...