नाराज़गी ये तेरी
तू बात करे या ना करे मुजसे, में तो बात करूंगा तुजसे!
पुरा हक हे तुजे,
रूठ ने का और मुजे मनाने का !
तुझे रोने का और मुझे हंसाने का !
शिकायते कितनी,
दिल मे प्यार और नाराजगी आँखों मे कितनी !
माना सारी गलती मेरी,
बेरूखी तेरी और मेरी मोहब्बत कितनी !
में तो पास रहुगा तुजसे
मिलता रहेगा संदेशा मेरा, ये वादा हे तुजसे !
मनाता रहूंगा हर घड़ी , कभी दूर ना होना तू मुजसे
तू बात करे या ना करे मुजसे, में तो बात करूंगा तुजसे!
आगम
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पुरा हक हे तुजे,
रूठ ने का और मुजे मनाने का !
तुझे रोने का और मुझे हंसाने का !
शिकायते कितनी,
दिल मे प्यार और नाराजगी आँखों मे कितनी !
माना सारी गलती मेरी,
बेरूखी तेरी और मेरी मोहब्बत कितनी !
में तो पास रहुगा तुजसे
मिलता रहेगा संदेशा मेरा, ये वादा हे तुजसे !
मनाता रहूंगा हर घड़ी , कभी दूर ना होना तू मुजसे
तू बात करे या ना करे मुजसे, में तो बात करूंगा तुजसे!
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