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दर्द और दवा
दुनिया का मैं एक छोटा सा कण हु
फिर भी ना जाने कितनी समश्या यों से घिरा हूँ ।
इस शरीर के एक कोने में हैं एक छोटा सा दिल हैं और उस दिल
में ना जाने मैं कितने गम छिपाये बैठा हु ।
ये दुनिया हैं मतलब से भरी ये कहा दर्दों को कहा समझती हैं , मरहम लगाने की जगह ये नमक ही छिड़कती हैं ।
© alku
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