...

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BARISH KA MAUSAM ..
अक्सर दूर रह के भी सुनायी देती हैं ये खामोशियां
वो कुछ ना कह सके तो कोई बात नहीं. ..
बारिश के मौसम में
हाथ में चाय की प्याली लिए
देर तक देखते रहे बरस्ती बूदों को .
एक नज़्म लिख दिया पन्नों पर
ख़त की तरह
उनके नाम
पता शायद लिख ना सके कभी
कोई बात नहीं.
ये रूह का रिश्ता है ,बहुत खुबसूरत .
Jyotsana Srivastava