मुस्कुराई ज़िंदगी
एक दिन सड़क किनारे खड़ा था मैं,
उदास होकर जिंदगी को कोस रहा था,
तभी जिंदगी को दौड़ते-भागते देखा।
एक सफर से दूसरे सफर के लिए,
एक बस से दूसरे बस पर चड़ते देखा।
हाॅफती हुई जिंदगी पसीने से लथपथ,
माथे पर थकावट की शिकन,
और आँखों में उम्मीदों का टोकरा लिए थी,
किसी का भरोसा तो,
किसी के...
उदास होकर जिंदगी को कोस रहा था,
तभी जिंदगी को दौड़ते-भागते देखा।
एक सफर से दूसरे सफर के लिए,
एक बस से दूसरे बस पर चड़ते देखा।
हाॅफती हुई जिंदगी पसीने से लथपथ,
माथे पर थकावट की शिकन,
और आँखों में उम्मीदों का टोकरा लिए थी,
किसी का भरोसा तो,
किसी के...