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कठिनाइयों से निकलकर बाहर आना
खुद से लड़कर देखा अपनो से भी लड़कर देखा,
टूटे बिखरे कई बार चकनाचूर भी हुए,
लेकिन कभी किसी से हार नही मानी और खुद को संभाला,
पैर लड़खड़ाए लेकिन कठिन राह पर चले,
वो कहते है ना अच्छे वक्त के लिए बुरे वक्त से लड़ना पड़ता है,
इसलिए कठिनाइयों से लड़ते लड़ते कब इतने मजबूत बनके बाहर आए हमे पता तक नही चला,
जो समझ बैठे कि ये लड़की है कमजोर है,
ये कुछ नही कर सकती अपनी जिंदगी में ,
उन्हें गलत साबित करने के लिए हमे कठिनाइयों से लड़ के मजबूत बनके बाहर आना पड़ा,
“एक नारी सब पे है भारी, भाई तुमने इतना ही जाना नारी को।।
बुरे से बुरे वक्त से लड़ती अकेली, तभी तो ये हैवानों पर है ये हावी।।
Vikansha
टूटे बिखरे कई बार चकनाचूर भी हुए,
लेकिन कभी किसी से हार नही मानी और खुद को संभाला,
पैर लड़खड़ाए लेकिन कठिन राह पर चले,
वो कहते है ना अच्छे वक्त के लिए बुरे वक्त से लड़ना पड़ता है,
इसलिए कठिनाइयों से लड़ते लड़ते कब इतने मजबूत बनके बाहर आए हमे पता तक नही चला,
जो समझ बैठे कि ये लड़की है कमजोर है,
ये कुछ नही कर सकती अपनी जिंदगी में ,
उन्हें गलत साबित करने के लिए हमे कठिनाइयों से लड़ के मजबूत बनके बाहर आना पड़ा,
“एक नारी सब पे है भारी, भाई तुमने इतना ही जाना नारी को।।
बुरे से बुरे वक्त से लड़ती अकेली, तभी तो ये हैवानों पर है ये हावी।।
Vikansha
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