...

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ना मैं किसी का,ना कोई मेरा होगा
कुछ ऐसे ज़ख्म है मेरे दिल में
भर पना आसान नहीं होगा
लाख करा लो तुम चाहे दवा इसकी
जलन को मिटाना आसान नहीं होगा
अब ना मैं किसी का, ना कोई मेरा होगा

हम तो टूट चुके हैं भीतर से
हमें जोड़ पाना आसान नहीं होगा
एक नकली मुस्कान लगाई है चेहरे पर
अब इसको हटाना आसान नहीं होगा
अब ना मैं किसी का, ना कोई मेरा होगा

कुछ ऐसा रिश्ता सा हो गया है दर्द से
अब मरहम का क़तरा भी ज़ेहर सा होगा
रोशनी और आइने से भरे इस शहर में
अंधेरों का ही बस सहारा सा होगा
अब ना मैं किसी का, ना कोई मेरा होगा


© Aezz खान...