डगर पर डग भरते हैं ।
डगर पर डग भरते हैं, इक रोज़ मंजिल आएगी।
ग़मों की आंधी गुज़रेगी, खुशियों की बारिश आएगी।
नहीं कोई राह आसान है यहाँ, कहीं न कहीं तो मिल जाएगी।
डगर पर डग भरते हैं, इक रोज़ मंजिल आएगी। ...
ग़मों की आंधी गुज़रेगी, खुशियों की बारिश आएगी।
नहीं कोई राह आसान है यहाँ, कहीं न कहीं तो मिल जाएगी।
डगर पर डग भरते हैं, इक रोज़ मंजिल आएगी। ...