...

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साथिया.....
कदमों में छिपी थी जो तुम्हारी आहट,
वो आज सवेरे में सुन बैठा .....
तेरे चेहरे की मुस्कान देख,आज फिर मेरा चेहरा खिल उठा.....

तु वो हीरा है जिसे जौहरी परख न सका
इतना सुन्दर नगीना देख वो,मुग्ध हो उठा.....

कदमों में छिपी आहट...

मुझे तो उस खुदा ने बड़ी फुरसत से बनाया,
इतना सुन्दर नगीना जो मुझपे लगा दिया.....

कदमों में छिपी आहट...

करता हूँ मैं उस माँ का धन्यवाद,
जिसने तुझे जन्म दिया
इतना प्यारा नगीना जो तूने,मुझे दे दिया.....


© 😜Rudy👀