काश
बेहद दिलक़श समां हो
दूर तलक फैला आसमां हो
नज़रों और नज़ारों में पाक़ रिश्ता हो
जैसे जन्नत से जुड़ा कोई फ़रिश्ता हो
मेरे दिल में बसी किसी की याद हो
उसके संग ता-उम्र रहने की फ़रियाद हो
उसकी ख़ामोशी में भी एक बात हो
हमारे दिलों में अपनेपन का विश्वास हो
पास उसके हर मुश्क़िल का जवाब हो
उसके हाथों से बने पकवान लाजवाब हो
ख़ुदा की मूरत सी उसकी सूरत हो
चाँद के नूर से ज़्यादा...
दूर तलक फैला आसमां हो
नज़रों और नज़ारों में पाक़ रिश्ता हो
जैसे जन्नत से जुड़ा कोई फ़रिश्ता हो
मेरे दिल में बसी किसी की याद हो
उसके संग ता-उम्र रहने की फ़रियाद हो
उसकी ख़ामोशी में भी एक बात हो
हमारे दिलों में अपनेपन का विश्वास हो
पास उसके हर मुश्क़िल का जवाब हो
उसके हाथों से बने पकवान लाजवाब हो
ख़ुदा की मूरत सी उसकी सूरत हो
चाँद के नूर से ज़्यादा...