...

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ये सर्द रातें
पलट कर लकीरें मुकद्दर आजमाया करो
सोए नैनों के भीतर तुम जाग जाया करो

बना रखे हैं मैने पुल कई तेरे ख्वाबों से
इस पार आया करो न उस पार जाया करो

लेती हैं करवटें जो ये सर्द रातें
मेरी तसव्वुर में बैठ तुम सिर्फ मुस्कुराया करो

भरा भरा सा रहता है अब तो ये मन मेरा
कभी बिन कहे आँखों में झाँक जाया करो

गुजर गई कई तारीखें, महीने और साल
तुम कर वादा आने का न भूल जाया करो
© सोनी