जी लेना चाहता हूं ,ऐ बारिश तुझे !
#Raindrops
मैं मस्त पवन का झोंका
तुम होंश मेरे उड़ाती हो ।
नज़र इक देखने की खातिर ,,,
आह थोड़ी भरने की खातिर ,,,
सिमट न जाये बदन तुम्हारा
इस छाते में ,,
दूर इस छाते को उड़ा ले जाता हूं
भीगी तेरी इस कमनीय काया को,
आंखों में सजा लेना चाहता हूं ,,,
बनकर ख्बाव बसी रहना तुम
निज नैनन में ,,,
अधरो से अधरों को मै
पी लेना चाहता हूं
बारिश को मैं आज
भरपूर जी लेना चाहता हूँ।
मैं मस्त पवन का झोंका
तुम होंश मेरे उड़ाती हो ।
नज़र इक देखने की खातिर ,,,
आह थोड़ी भरने की खातिर ,,,
सिमट न जाये बदन तुम्हारा
इस छाते में ,,
दूर इस छाते को उड़ा ले जाता हूं
भीगी तेरी इस कमनीय काया को,
आंखों में सजा लेना चाहता हूं ,,,
बनकर ख्बाव बसी रहना तुम
निज नैनन में ,,,
अधरो से अधरों को मै
पी लेना चाहता हूं
बारिश को मैं आज
भरपूर जी लेना चाहता हूँ।