...

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कल ही की बात है😓
बातें कुछ यूं थी कहीं उसने
के ना जाने क्या शोर था उनकी निगाहों में

सांसें चली पर निगाह नीचे झुकाए हुए थी
कुछ यूं वो अपने जज्बातों को बयां किए जा रही थी

लगा ना था कि वो कुछ यूं मुझसे बिछड़ जाएगी
मेरा साथ कुछ यूं ही वो छोड़ जाएगी

मै था रोया हुआ देख उसकी उन नज़रों को
जिसमे कभी साथ निभाने की आस थी झलकी

वो चाहते ना थे यूं छोड़ जाना तन्हा मुझे
पर हादसा ही उन्हें मजबूर कर बैठा कुछ इस क़दर

मै था खड़ा देखता उसकी उन सांसों की आखिरी डोर
वो भी थे मजबूर कुछ यूं चले जा रहे थे बेवजह

वो राहें थी कठिन पर आस अब भी थी लगी
के वो आएंगे कभी मुझे अपने साथ ले जाने

अपने इन बाहों से मैं कह तो रहा था अलविदा
पर उनकी सांसें अब भी मुझसे कुछ कह रही थी

बेजुबान सा खामोश खड़ा यूं रोए जा रहा था
काश के हम कभी मिले ना होते

वो अल्फ़ाज़ वो जज़्बात वो उनकी सांसें
सब मुझसे मेरी सलामती की दुआ कर गए

जाते जाते उनके लबों की वो आखिर बात थी
की कभी हारना मत यूं ही मेरे बेटे को संभाल लेना

कोई कुछ समझा रहा था कोई पास था
पर मेरी सारी बातें वो अपने साथ लिए जा रही थी

आज वो हमेशा के लिए दूर जा रही थी मुझसे
मुझे अपनी अमानत सौंपे वो सोए जा रही थी

बहुत दर्द था सीने पर अलविदा जो कहना ही था
वो आखिरी बार कुछ यूं मुझे अपना कह गई थी

मेरे सारे जज्बात झकझोर गई थी वो
मेरी आंखों का अश्क भी कुछ यूं वो पोंछ गई थी

कल की ही बात है
वो मुझे मेरे सपने मुझे चूम गई थी ।

कल की ही बात है
वो मेरे सारे दर्द ए गम अपना कह गई थी
😓😓😓😓😓😓