एक तरफा मोहब्बत
मैं पूछता हूं मिलोगी मुझसे वो हां नही करती,
प्यार तो करती है बहुत पर कभी हां नही कहती...
मेरे सामने उसकी आवाज़ धीमी ही रहती है,
मैं तेज आवाज़ में कहता हूं वो तेज नही कहती...
उसकी बाते सुनकर मैं भी उसमें खो जाता हूं,
मोहब्बत तो बेहंतिया है पर मोहब्बत नही कहती...
कैसे भूला दू...
प्यार तो करती है बहुत पर कभी हां नही कहती...
मेरे सामने उसकी आवाज़ धीमी ही रहती है,
मैं तेज आवाज़ में कहता हूं वो तेज नही कहती...
उसकी बाते सुनकर मैं भी उसमें खो जाता हूं,
मोहब्बत तो बेहंतिया है पर मोहब्बत नही कहती...
कैसे भूला दू...