बिना कहें तुम सब कुछ कैसे समझ पाती हो....
मेरे हर जस्बातों को तुम्हारे दड़कनो में कैसे बसाती हो....बताओ....
तुम बिना कहें सब कुछ कैसे समझ पाती हो....
मेरे हर ख्यालों को उन टीमटीमती तारों की तरह...
तुम बिना कहें सब कुछ कैसे समझ पाती हो....
मेरे हर ख्यालों को उन टीमटीमती तारों की तरह...