साथ...
तुमने सब कह दिया
मैंने सब सुन भी लिया
तुमने पूछा हाथ थाम लूं क्या
मैंने अपनी सारी हदों को
पीछे छोड़ भी दिया
तुमने कहा मोहब्बत है
मैंने तुम्हारी हर वफ़ा को
सच मान भी लिया
तुमने कहा मैं यही तो हुं
मैंने हर जगह तुम्हारी मौजूदगी ढुंढ भी ली
नहीं मिले तुम
कहीं नहीं मिले तुम
सब मिले तुम्हारे सिवा
बस तुम ही नहीं मिले
तुम पूछते रहे ऐसा क्या देखा तुमने
मैंने हर ख़ामोशी में इज़हार कर भी दिया
तुमने कहा मैं समझ सकता हुं
फिर क्यों नहीं समझ...
मैंने सब सुन भी लिया
तुमने पूछा हाथ थाम लूं क्या
मैंने अपनी सारी हदों को
पीछे छोड़ भी दिया
तुमने कहा मोहब्बत है
मैंने तुम्हारी हर वफ़ा को
सच मान भी लिया
तुमने कहा मैं यही तो हुं
मैंने हर जगह तुम्हारी मौजूदगी ढुंढ भी ली
नहीं मिले तुम
कहीं नहीं मिले तुम
सब मिले तुम्हारे सिवा
बस तुम ही नहीं मिले
तुम पूछते रहे ऐसा क्या देखा तुमने
मैंने हर ख़ामोशी में इज़हार कर भी दिया
तुमने कहा मैं समझ सकता हुं
फिर क्यों नहीं समझ...