भाव
भक्ति भाव से सजी हूँ मैं
मेरे साहिब की अनूठी कृति हूँ मैं
पंच तत्व लगे मुझमें ,छठा आत्मा है
भावनाओं की बहती सुन्दर धारा हूँ मैं
जाना जब मुर्शद की कृपा से असीम रब को
अपने विशाल रूप से तबसे...
मेरे साहिब की अनूठी कृति हूँ मैं
पंच तत्व लगे मुझमें ,छठा आत्मा है
भावनाओं की बहती सुन्दर धारा हूँ मैं
जाना जब मुर्शद की कृपा से असीम रब को
अपने विशाल रूप से तबसे...