कभी तो मिले प्यार जिन्दगी में
ढूँढ रहा हूँ कोई मिले अपना इस बेज़ार जिन्दगी में
थोड़ा ही सही कभी तो मिले प्यार जिन्दगी में
क्यूँ खुदा को मेरी इबादत क़बूल नहीं
क्यूँ मिलता है हर घड़ी तिरस्कार...
थोड़ा ही सही कभी तो मिले प्यार जिन्दगी में
क्यूँ खुदा को मेरी इबादत क़बूल नहीं
क्यूँ मिलता है हर घड़ी तिरस्कार...