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कान्हा और प्रेम
कान्हा और प्रेम की अलौकिकता को दर्शायें ऐसी कोई परिभाषा नहीं
त्याग और समर्पण की पराकष्ठा का बखान करे ऐसे वर्ण की भाषा नहीं

नीति संग मति को रख हर दिन दिल तड़प कर प्रेम करता वो जगत कर्ता
स्वयं ईश्वर प्रेम को हासिल नही महसूस करता रहे ऐसी अब अभिलाषा नही

साक्षात रूप जिनका...