...

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टूटते नाते।
है जगमगाती झालरों से रौशन दर ओ दीवार।
आज कल दिए को जलाता कौन है!
बदल लेते हैं शहर के शहर रातों रात,
पुरानी दहलीज से नाता निभाता कौन है!
याद रहते नहीं सुबह के चेहरे शाम...