ग़ज़ल
2122-1122-1122-22/112
आग जो बुझ नहीं पाए वो लगा दी जाए
अब सज़ा बर्फ के लोगों को सुना दी जाए
इक गुनहगार ने फ़रमान किया है ज़ारी
बेगुनाहों को सर-ए-आम सज़ा दी जाए
अब...
आग जो बुझ नहीं पाए वो लगा दी जाए
अब सज़ा बर्फ के लोगों को सुना दी जाए
इक गुनहगार ने फ़रमान किया है ज़ारी
बेगुनाहों को सर-ए-आम सज़ा दी जाए
अब...