अधूरे खत ..................✍️ ❤️❤️
जानती हूँ कि तुम्हे
मेरी बहुत याद आती है
मगर उससे भी पहले
तुझसे निकली उन आहो की दस्तक
मेरी चौखट तक पहुंच जाती है
तुम नही जानते
मगर यही सच है
कि तेरे उन अधूरे खतों की महक
मुझ तक खुद - ब - खुद चली आती है
वे तमाम अलफ़ाज़
जो तुम रोज कोरे...
मेरी बहुत याद आती है
मगर उससे भी पहले
तुझसे निकली उन आहो की दस्तक
मेरी चौखट तक पहुंच जाती है
तुम नही जानते
मगर यही सच है
कि तेरे उन अधूरे खतों की महक
मुझ तक खुद - ब - खुद चली आती है
वे तमाम अलफ़ाज़
जो तुम रोज कोरे...