...

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शब्द
शब्दों का
अंबार है
शब्दों से
व्यापार है
शब्दों की
शब्दों तक
सिमट कर
रह गई हैं जिंदगी
ना जाने
कब कौन सा शब्द
कहां सिमट जाये
इतनी बेपरवाह
सी हो गयी है
जिंदगी.....
©vv1