कम ही जानता हू मै। 🇮🇳
भारत माँ को श्रेष्ठ मानता हू मै,
जग मे सारे यहा सबसे,
निराला मानता हू मै,
भारत माँ की माटी के आगे,
सारी की सारी सुगंधो को भी,
हल्का सा फीका मानता हू मै,
आन पड़ी जरूरत तो जान की बाजी,
लगाना जनता हू मै,
बनाकर कफन तिरंगे को,
बढ़ जाती शहादत की सान,
ये बखूबी...
जग मे सारे यहा सबसे,
निराला मानता हू मै,
भारत माँ की माटी के आगे,
सारी की सारी सुगंधो को भी,
हल्का सा फीका मानता हू मै,
आन पड़ी जरूरत तो जान की बाजी,
लगाना जनता हू मै,
बनाकर कफन तिरंगे को,
बढ़ जाती शहादत की सान,
ये बखूबी...