एक कहानी कविता जुबानी
वो अब दूर है,
दुरी का पता नहीं,
रहे जो संग मेरे,
ढूंढ़ने का ख्याल नहीं |
मेरा एक शरीर है,
लोहे का बना नहीं,
रहे जब तक संग वो,
मिट्टी में मिला नहीं ||
प्यारी उसकी...
दुरी का पता नहीं,
रहे जो संग मेरे,
ढूंढ़ने का ख्याल नहीं |
मेरा एक शरीर है,
लोहे का बना नहीं,
रहे जब तक संग वो,
मिट्टी में मिला नहीं ||
प्यारी उसकी...