...

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खुश्बू हों तुम मेरी।
उफ्फ तुम्हारे बदन से उड़ती हुई
ये जो कमाल की खुश्बू हैं।
यूं लगता हैं ऐसे जैसे बड़ी
फुरसत में तुमको बनाया है रब ने।

इत्र गुलाबो के चंदनी खुश्बू से
महकाया हैं तुमको रब ने।

क्या किरदार को तुम्हारे रब ने
खुशबुओं में डुबोया होगा।

सारे कामों को छोड़कर तुमको
इश्क की माला में पिरोया होगा।

क्या कारीगरी रची गई है तुम पर।
कितना हसीन वो समा होगा।

जब तुमको उस रब ने बनाया होगा।

उफ्फ ये एक एक बदन का
हिस्सा बड़ा कमाल का हैं तुम्हारा।

ये शरबती से हॉट ये महकती
हुई सी सांसें तुम्हारी।

उफ्फ कितनी कमाल की लगती हो।

जब उड़ती है खुशबुओं
संग ये रेशमी जुल्फें तुम्हारी।

हाए मेरी जान बे मिशाल लगती हो।

वो जो गोरे गोरे गालों पे तिल हैं तुम्हारे।
उसी पे तो दिल हारा है मैने तुम्हारे।

तुमसे तुम्हीं को चुराने की बात कहता हूं।
तुम्हारे इश्की रंगो में रंगना चाहता हूं।
तुम्हारी जिस्म से उड़ती खुशबुओं में
मैं उम्र भर के लिए बहकना चाहता हूं।

उफ्फ क्या खूब ही लगती हो मुझे तुम
बड़ी सुंदर दिखती हो मुझे तुम।

वो प्यारी सी मुस्कुराहट तुम्हारी
उफ्फ क्या ही कहर ढाती हैं मूझ पर।

वो आंखो में चमकता काजल
क्या खुब लगता हैं तुम पर।

वो हॉट सरबती तुम्हारे।
मीठी चासनी से।
गोल, सपाट, नयन सुंदर।
वो बड़ी खूबसूरत
पसीने की महकती खुशबू तुम्हारी।

वो शौकीन प्यारी सी अदाएं तुम्हारी।

नाजुक कली सी लचक तुम्हारी।
उफ्फ क्या खूब कमाल है सब कुछ।
मुझ पर कहर ढाती है।
ये उभरती हुई जवानी तुम्हारी।

मैं कृष्ण प्रेमी, प्रेम ठहरा तुम्हारा
तुम सांसों की महक, खुशबू हो मेरी।

मै जान तुम्हारी तुम जिंदगी हो मेरी।
हां मेरी मोहबत मेरी इबादत
मेरी सादगी मेरी खूबसूरत
मोहबत की महकती खुश्बू हो तुम मेरी।

हां मेरी जान
खुश्बू हों तुम मेरी।

© KRISHAN ☑️