मायूसी
#shadow #shadowpoem
एक उदासी दिल पर छाने लगी
एक मायूसी दिल को खाने लगी
बहती बहती ये हवाएं भी
अब अपने आप में शोले बरसाने लगी
अब भी करते है तेरा जिक्र
सोच कर की क्यो है फिकर
आज भी खुदा से है इसका शुक्र
की अब भी...
एक उदासी दिल पर छाने लगी
एक मायूसी दिल को खाने लगी
बहती बहती ये हवाएं भी
अब अपने आप में शोले बरसाने लगी
अब भी करते है तेरा जिक्र
सोच कर की क्यो है फिकर
आज भी खुदा से है इसका शुक्र
की अब भी...