...

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बेपनाह मोहब्ब्त!
इश्क को सोच की तराजू में तोल दिया जाता है।
महबूब को देख परख कर मोल किया जाता है।

कटती है रातें उन आशिकों की तन्हा तन्हा ही!
उदास रहा आशिक तब मजाक उड़ाया जाता है।

जात धर्म सोच समाज सब देती रही ताने उसे!
धीरे धीरे उसे तानों का ज़हर पिलाया जाता है।

जो मोहब्बत...