बिखरते ख्वाब ।
ये जो तेरी बातें हैं, कितनि प्यारी होती हैं,
क्या खबर है तुझे ,
कितनी बार समेटूंगी खुदको ,तू समझेगा ,
एक दिन ,सबर है मुझे....
चाहत है तू, मोहोबत भी ,
मर्ज भी है मेरा,
अब आंसूओ की बजा भी है तू,
दर्द भी है मेरा....
कैसे समझाऊं क्यू बताती हूं तुझे,
साथ हूं , तेरे कड़वाहट के बाद भी,
पर तुझे लगा सताती...
क्या खबर है तुझे ,
कितनी बार समेटूंगी खुदको ,तू समझेगा ,
एक दिन ,सबर है मुझे....
चाहत है तू, मोहोबत भी ,
मर्ज भी है मेरा,
अब आंसूओ की बजा भी है तू,
दर्द भी है मेरा....
कैसे समझाऊं क्यू बताती हूं तुझे,
साथ हूं , तेरे कड़वाहट के बाद भी,
पर तुझे लगा सताती...