सुनो...
सुनो..
आज मैंने फ़िर उस चांद को देखा
दूर आसमा में तन्हा
वो बादलों का पहरा
ओझल चांदनी
सुना आसमा तारो के बग़ैर
नजरें हटी...
आज मैंने फ़िर उस चांद को देखा
दूर आसमा में तन्हा
वो बादलों का पहरा
ओझल चांदनी
सुना आसमा तारो के बग़ैर
नजरें हटी...