मेरी खुशियां
कहीं खो गई हैं खुशियां मेरी
उन्हें ढूंढ दे कोई।
कहीं गुम हो गया हूं
मुझे हौसला दे कोई।
दिल चाहता है जमाने में
लूटा दूं मैं खुशियां सारी
पर मेरा वजूद क्या?
जब मुझे चाहे न कोई।
अब नही रहा मुझमें मैं
जमाने को क्या समझाऊं
मेरे ईश्वर जमाने को तू
समझा दे कोई
रंग भर दे जो जिंदगी में
उनकी दुनिया में उदासी है क्यों
सदिया गुजार गए..
एक आस बाकी है क्यों।
मेरे इस उड़ान को पंख दे कोई
जलता रहा नाफरत के आग में मैं
पर अब इस आग को रोक दे कोई
कहीं खो गई है खुशियां मेरी
उन्हें ढूंढ दे कोई।
#zindagi
© Amrit yadav
उन्हें ढूंढ दे कोई।
कहीं गुम हो गया हूं
मुझे हौसला दे कोई।
दिल चाहता है जमाने में
लूटा दूं मैं खुशियां सारी
पर मेरा वजूद क्या?
जब मुझे चाहे न कोई।
अब नही रहा मुझमें मैं
जमाने को क्या समझाऊं
मेरे ईश्वर जमाने को तू
समझा दे कोई
रंग भर दे जो जिंदगी में
उनकी दुनिया में उदासी है क्यों
सदिया गुजार गए..
एक आस बाकी है क्यों।
मेरे इस उड़ान को पंख दे कोई
जलता रहा नाफरत के आग में मैं
पर अब इस आग को रोक दे कोई
कहीं खो गई है खुशियां मेरी
उन्हें ढूंढ दे कोई।
#zindagi
© Amrit yadav