...

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कलम हमारी

जज्बात हृदयमे आते ही कह देती है कलम हमारी।
जो बात जुबां कह नही सकती कागज पर रख देती है कलम हमारी।
कभी दुख के भाव है आते हृदय में
कभी प्रेम की लहर हिलोरे लेती।
कभी होनी अनहोनी आकर
नई कहानी को जन्म है देती।
सुख दुख के दोनो भावो को
सह लेती है कलम हमारी।
ताकत इसकी बहुत अधिक है
बहुत नुकीली है यह।
सरगम इसमे भरा पड़ा है
खूब नखरीली है यह।
नफरत और प्रेम केबीच
रह लेती है कलम हमारी।
कभी जोश जगाती मन मे
कभीशांति लाती है मन मे
कभी हंसाती कभी रूलाती
ताकत कभी जगाती तन में।
बहुत सारे भावो के साथ बह
जाती है कलम हमारी।
अरूण 'अकेला'
WritcoPoemPrompt2
In the end it was just me and my thoughts,
A painful trap, long after you were gone
© s