मासिक धर्म(periods)
न जाने कितना दर्द सहती वो,
पूछे कोई कुछ तो ठीक हूं हंसकर कहती वो,
छिपाती है पीड़ा सबसे,
दिनभर चुप सी रहती वो,
आती है बारी जब उन दिनों की,
बस तारीखे गिनने लगती वो
छटपटाती पूरा दिन दर्द से,
सभी से पेट दर्द का बहाना करती वो,
हो...
पूछे कोई कुछ तो ठीक हूं हंसकर कहती वो,
छिपाती है पीड़ा सबसे,
दिनभर चुप सी रहती वो,
आती है बारी जब उन दिनों की,
बस तारीखे गिनने लगती वो
छटपटाती पूरा दिन दर्द से,
सभी से पेट दर्द का बहाना करती वो,
हो...