...

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हर रोज़ तुझें लिखते है।
हर रोज़ तुझे लिखते है,
लिख कर फिर मिटाते है।
शुरुवात कहाँ से करे,
ये समझ नही पाते है।
इक रोज़ जरूर लिखूंगा तुझे,
जिसका शीर्षक होगा,
तू फूल है,बाकी सारे कांटे है।