पढ़ न पाई
#लालसा_की_प्रतिध्वनि
सब ने एक राग था छेड़ा
दादा-दादी,मामा-मामी
मम्मी-पापा सबका एक
ही कहना था,तुमको
निर्णय लेना होगा,आगे
अब बढ़ना होगा,बस करो
पढाई-वढाई,कर लो तुम अब सगाई।
बचपन का एक ही था सपना
पढ़ना खूब है पढ़ना,हासिल
बड़ी डिग्री करना,ऐसा न था कि
सुविधा न थी,पैसों की कोई
कमी न थी,घर में सारे थे पढे-
...
सब ने एक राग था छेड़ा
दादा-दादी,मामा-मामी
मम्मी-पापा सबका एक
ही कहना था,तुमको
निर्णय लेना होगा,आगे
अब बढ़ना होगा,बस करो
पढाई-वढाई,कर लो तुम अब सगाई।
बचपन का एक ही था सपना
पढ़ना खूब है पढ़ना,हासिल
बड़ी डिग्री करना,ऐसा न था कि
सुविधा न थी,पैसों की कोई
कमी न थी,घर में सारे थे पढे-
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