मंज़िल
मुश्किलें जरूर है, मगर ठहरा नही हू मै
मंजिल से जरा कह दो,अभी पहुंचा नहीं हूं
मैं
कदमो को बांध न पाएगी, मुसीबत कि
जंजीरे
रास्तों से जरा कह दो,अभी भटका नहीं हूं
मैं
सब्र का...
मंजिल से जरा कह दो,अभी पहुंचा नहीं हूं
मैं
कदमो को बांध न पाएगी, मुसीबत कि
जंजीरे
रास्तों से जरा कह दो,अभी भटका नहीं हूं
मैं
सब्र का...